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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने उच्चस्तरीय यूएनजीए सत्र में विश्व नेताओं से कहा कि सुरक्षा परिषद 1945 की राजनीतिक और आर्थिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करती है और इसके समस्या हल करने के बजाय समस्या का हिस्सा बनने का जोखिम है.
संयुक्त राष्ट्र: 2023 में विश्व में संघर्ष और युद्ध की स्थिति के बीच, भारत ने समस्याओं के समाधान के लिए वार्ता और कूटनीति पर ध्यान केंद्रित किया है, साथ ही अंतरराष्ट्रीय शांति को बनाए रखने में ध्रुवीकृत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की विफलताओं के बीच बहुपक्षवाद में सुधार के लिए लगातार आह्वान किया है।
जी20 का अध्यक्ष
भारत ने इस वर्ष, जी20 का अध्यक्षता संभाला, जिससे विश्व के अग्रणी राष्ट्रों के साथ मिलकर विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके माध्यम से भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में गहराई से विचार विनिमय किया और सहमति साधने का प्रयास किया।
विवादों के प्रभाव से तनाव बढ़ गया है
भारत ने विवादों और संघर्षों के प्रभाव को बताया और इससे उत्पन्न होने वाले तनाव को बढ़ा दिया है, जिससे देशों के बीच सामंजस्य बनाए रखने के लिए सकारात्मक कदमों की आवश्यकता है। भारत ने यह आवेग और चुनौतियों को समझते हुए समाधान की दिशा में कदम उठाए हैं।
कूटनीति और वार्ता’ ही एकमात्र प्रभावी समाधान है
भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा है कि विवादों के समाधान के लिए कूटनीति और वार्ता ही सबसे प्रभावी तरीका है। उनके द्वारा दी गई इस भूमिका से भारत का सकारात्मक स्थानांतरण और विश्व में शांति की स्थापना की संभावना है।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख का बड़ा संबोधन
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने उच्चस्तरीय यूएनजीए सत्र में विश्व नेताओं से कहा कि सुरक्षा परिषद 1945 की राजनीतिक और आर्थिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करती है और इसके समस्या हल करने के बजाय समस्या का हिस्सा बनने का जोखिम है। इससे सुधार की दिशा में नए कदमों की आवश्यकता है, जो विश्व शांति और समृद्धि की स्थापना में सहायक हों।
प्रधानमंत्री के उद्घाटन और अन्य उपलब्धियां
इस साल के दौरान प्रधानमंत्री ने कई महत्वपूर्ण पहलुओं में प्रगटि की हैं, जिसमें आर्थिक विकास, स्वच्छता, एवं तकनीकी उन्नति शामिल हैं। भारत ने विश्व के साथ मिलकर सामरिक, आर्थिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में सहयोग और समझौते का प्रयास भी किया है।
भविष्य की दिशा
भारत ने वर्ष 2023 में अपने सुधार के साथ विश्व के साथ सशक्त संबंध बनाए रखने का संकल्प लिया है, जो आने वाले समय में नए समृद्धि और शांति के दौर की शुरुआत का संकेत हो सकता है।