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दक्षिण अफ्रीका में होने वाले 15वे ब्रिक्स सम्मलेन में 22 – 24 अगस्त तक पीएम मोदी जोहांसबर्ग में रहेंगे बता दे की ब्रिक्स में 5 देशो के मुखिया भाग लेंगे | ब्राज़ील,रूस, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका ये वो 5 देश है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर एक चौथाई हिस्सेदारी रखते है
15वे ब्रिक्स सम्मलेन की अध्यक्षता दक्षिण अफ्रीका कर रहा है 22 से 24 अगस्त तक सम्मलेन जोहान्सबर्ग में होगा और विषय रहेगा ‘ब्रिक्स’ और ‘अफ्रीका’.
कैसे हुई ब्रिक्स की शुरुआत
ब्रिक्स को पांच देशो का समूह भी कहा जाता है जिसमे दक्षिण अफ्रीका, ब्राज़ील,भारत, चीन और रूस शामिल है ब्रिक्स का गठन 2009 में किया गया था इसे शिखर सम्मलेन भी कहा जाता है
शिखर सम्मलेन का आयोजन हर वर्ष किया जाता है इस वर्ष शिखर सम्मलेन का 15वा सम्मलेन है और इसमें ब्रिक्स राष्ट्र के राज्य के प्रमुख हिस्सा लेते है
2006 में ब्रिक्स राष्ट्र के विदेश मंत्रियो का एक बैठक हुई इसी बैठक में ब्रिक्स की स्थापना पर सहमति बनी जिस्क्वे बाद 2009 में पहला सम्मलेन रूस में हुआ.
जब ब्रिक्स का गठन हुआ था तब इसका नाम ब्रिक हुआ करता था क्योकि तब इसमें दक्षिण अफ्रीका शामिल नही हुआ था दक्षिण अफ्रीका इस गुट के साथ 2010 में जुड़ा, BRICS का पूरा नाम है
B – ब्राज़ील
R – रूस
I – भारत
C – चीन
S – साउथ अफ्रीका
ब्रिक्स का उद्देशय
ब्रिक्स एक बहुपक्षीय मंच है जिसमे दुनिया की 5 उभरती हुई अर्थव्यवस्था शामिल है. जो विश्व की जनसंख्या का 42 प्रतिशत, वैश्विक जीडीपी का 25 प्रतिशत, विश्व व्यापार में 16 प्रतिशत शामिल है. ब्रिक्स का उद्देश्य यह है की जो विकाशील देश है उनके लिए काम करना ब्रिक्स समूह विकसित और विकाशील देशो के बीच एक पूल के रूप में भी काम करता है और विकाशील देशो को अलग अलग क्षेत्र में सहायता भीं करता है
अब तक हुए ब्रिक्स शिखर सम्मलेन
16 जून, 2009 | रूस |
16 अप्रैल, 2010 | ब्राज़ील |
24 अप्रैल, 2011 | चीन |
29 मार्च, 2012 | भारत |
26-27 मार्च, 2013 | दक्षिण अफ्रीका |
14-16 जुलाई, 2014 | ब्राज़ील |
8 -9 जुलाई, 2015 | रुस |
15-16 अक्टूबर, 2016 | भारत |
3-5 सितंबर, 2017 | चीन |
25-27 जुलाई, 2018 | दक्षिण अफ्रीका |
13-14 नवम्बर, 2019 | ब्राज़ील |
17 नवम्बर, 2020 | रूस |
09 सितम्बर, 2021 | भारत |
15. 17 नवम्बर, 2022 | चीन |
16. 22-24 अगस्त, 2023 | दक्षिण अफ्रीका |
ब्रिक्स थीसिस
ब्रिक्स थीसिस का अर्थ है की ब्रिक्स का विचार आया कैसे और इसके पीछे का उद्देयेश्य क्या था ?
ब्रिक्स विचार के पहले सलाहकार गोल्डमैन सैच कम्पनी के अर्थशाष्त्री जिम ओ नील ने अपनी 2003 के रिपोर्ट “ड्रीमिंग विथ ब्रिक्स द पाथ 2 2050” में दिया था गोल्डमैन के ब्रिक के सम्बंधित विचारो को ही “ब्रिक्स थेसिस”
कहा जाता है उनके अनुसार भारत, चीन, रूस और ब्राज़ील वर्ष 2050 तक सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे
पाच सबसे बड़े विकासशील देशो का समूह के नाम से जाना जाता है ब्रिक्स नए आकलन के अनुसार ब्रिक्स के देश वर्ष 2030 तक पश्चिमी अर्थव्यवस्था को पीछे चोर आगे निकल जायेंगे
न्यू डेवलपमेंट बैंक
वर्ष 2014 में छठे सम्मलेन में के दौरान सभी देशो ने न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापना के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किये थे. इसका मुख्य उद्द्येश्य यह था की ब्रिक्स के देशो के बीच सहयोग को मजबूत करना
ब्रिक्स देशो के बीच सहयोग मजबूत करने कारण 2008 का वित्तीय संकट भी था इस संकट के कारण डॉलर के प्रभाव वाली प्रणाली पर संदेह उत्तपन हुआ था
NDB का मुख्यालय संघाई में है
दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग के आज से ब्रिक्स सममित सुरु हो रही है इसमें पाचं देश भारत, रूस, चीन, ब्राज़ील, और अफ्रीका भाग लेंगे. यह सम्मलेन 22 से 24 तक चलेगा इसकी अध्यक्षता दक्षिण अफ्रीका कर रहा है और इस बार का विषय अफ्रीका और ब्रिक्स रहने वाला है.
इस बार ब्रिक्स समिट के दो एजेंडा है पहला ब्रिक्स का विद्तार और दूसरा ब्रिक्स राष्ट्र में अपनी करेंसी में कारोबार
शिखर सम्मलेन में ब्राज़ील,चीन, दक्षिण अफ्रीका और भारत के नेता भाग लेंगे दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल राम्फोसा, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज इनसियुओ लूला दी सिल्वा नापनी उपस्तिथि दर्ज करवाएंगे.
सूत्रों के मुताबिक अफ्रिला ने कुल 69 देशो को आमत्रित किया है
बता दे की रूस के राष्टपति व्लादमीर पुतिन इस सम्मलेन में विडियो कालिंग के माध्यम से जुड़ेंगे|