भ्रष्टाचार मामलों में जांच एजेंसियों के दबाव में रहते हुए विपक्ष के नेताओं में से जो भाजपा में शामिल हो गए हैं, उनमें 10 कांग्रेस, चार NCP और शिवसेना से और तीन तृणमूल कांग्रेस, दो TDP, और एक-एक समाजवादी पार्टी और YSRCP से हैं। भारतीय एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इन विपक्षी नेताओं के खिलाफ तीन मामले बंद कर दिए गए हैं जबकि 20 मामले ठप्प हैं या ठंडे स्टोरेज में हैं।
इस सूची में छः राजनीतिज्ञ 2024 में भाजपा के पक्ष में जाकर शामिल हुए हैं, जो लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रस्तावना दिया गया है।
भारतीय एक्सप्रेस की एक 2022 की रिपोर्ट में कहा गया था कि 2014 के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियों जैसे कि एनडीए (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कार्रवाई ली थी उसमें से कम से कम 95 फीसदी प्रमुख नेताओं के खिलाफ ली गई थी। विपक्ष से।
3 अप्रैल की रिपोर्ट विपक्ष के आरोपों के बीच आती है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी द्वारा जांच एजेंसियों का ‘दुरुपयोग’ का आरोप। विपक्ष ने भाजपा को “वॉशिंग मशीन” कहा है, जो भ्रष्टाचार के आरोपी नेताओं का कोई जांच न करने का बढ़ता फेनोमेन को संदर्भित करता है। सरकार ने इस आरोप को खारिज किया है।
रिपोर्ट उस समय आती है जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, दो विपक्षी नेताओं, भ्रष्टाचार के मामलों में जेल में हैं जो ईडी के द्वारा जांच किए जा रहे हैं।